26 ज़िलों में बंद हुई पढ़ाई: स्कूल-कॉलेज बने जलपरी का घर
भोपाल: मध्य प्रदेश इन दिनों भीषण मानसूनी कहर से जूझ रहा है। बीते 24 घंटों में राज्य के 26 जिलों में मूसलधार बारिश ने तबाही मचा दी है। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि स्कूल-कॉलेजों में पानी भर गया है, सड़कों का नामोनिशान मिट गया है और बाढ़ की विभीषिका ने लाखों लोगों की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है।
सड़कें बह गईं, गांवों का संपर्क टूटा
राज्य के चंबल, बुंदेलखंड और महाकौशल क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात हैं। सतना, रीवा, डिंडोरी, दतिया और छतरपुर जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इन जिलों में कई गांवों का संपर्क मुख्य शहरों से पूरी तरह टूट गया है। सड़कें जगह-जगह से बह गई हैं, जिससे राहत और बचाव कार्य में भी दिक्कतें आ रही हैं।
छतरपुर जिले के रंगवा डैम में जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है, जिसके चलते बांध के गेट खोलने पड़े। इससे डैम के आसपास बसे निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। मंदसौर, नीमच और उज्जैन जिलों में कई सड़कें घंटों तक जलमग्न रहीं, और यातायात पूरी तरह बाधित हो गया।
परीक्षाएं स्थगित, शिक्षण संस्थानों में पानी का सैलाब
राज्य के कई जिलों में स्कूल और कॉलेजों की इमारतें बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। कई जगहों पर कक्षाओं में घुटनों तक पानी भर गया है। कुछ स्कूलों की छतें भी टपकने लगी हैं। इन हालात को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने 26 जिलों में चल रही सभी परीक्षाओं को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने के आदेश दिए हैं।
उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि छात्रों और स्टाफ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। नई तारीखों की घोषणा हालात सामान्य होने के बाद की जाएगी।
मौसम विभाग का अलर्ट: अभी और बढ़ेगा संकट
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के कई जिलों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले 48 से 72 घंटों में बारिश की तीव्रता और बढ़ सकती है। नर्मदा, टोंस और चंबल नदी समेत कई प्रमुख नदियां खतरे के निशान के करीब बह रही हैं।

प्रशासन मुस्तैद, राहत-बचाव कार्य जारी
स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमों ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। छतरपुर, रीवा, सतना और डिंडोरी जिलों में नावों और ट्रैक्टरों के ज़रिए लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि राहत शिविरों की संख्या बढ़ाई जाए और प्रभावित लोगों को तत्काल भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
जनता से अपील: घरों में रहें, सुरक्षित रहें
प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि जब तक अत्यधिक आवश्यकता न हो, वे घर से बाहर न निकलें। बारिश के चलते कई इलाकों में पेड़ गिरने, बिजली के खंभे टूटने और दीवारें गिरने की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे जनहानि का खतरा भी बढ़ गया है।
मध्य प्रदेश के लिए यह मानसून का सबसे कठिन दौर साबित हो रहा है। आने वाले दिनों में अगर बारिश की गति कम नहीं हुई, तो राज्य को और भी बड़े संकट का सामना करना पड़ सकता है। फिलहाल, सरकार और प्रशासन की सबसे बड़ी प्राथमिकता जान-माल की रक्षा करना है।