उज्जैन, 14 जुलाई 2025
श्रावण के पहले सोमवार को उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। सुबह से ही हजारों श्रद्धालुओं ने श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन-पूजन और पंचामृत अभिषेक के बाद भस्म आरती की; तत्पश्चात भगवान महाकाल की पारंपरिक रजत पालकी निकाली गई।
यह शोभायात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए रामघाट पहुँची जहाँ पवित्र शिप्रा नदी के तट पर विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान संपन्न हुए। वैदिक मंत्रोच्चार, भक्तिगीत और आदिवासी लोकनृत्यों की प्रस्तुतियों से यात्रा का पूरा वातावरण आध्यात्मिक रंग में रंगा हुआ प्रतीत हो रहा था। मंदिर प्रशासन ने इस भव्य आयोजन के लिए पुलिस के सहयोग से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। आम जनता के लिए शहर के अंदर एक से अधिक स्थानों पर पेयजल, चिकित्सा सुविधाओं के साथ-साथ अन्य आवश्यक व्यवस्थाएँ भी की गई थीं।
इस दौरान प्रशासन ने श्रद्धालुओं से धैर्य बनाए रखने और शोभायात्रा मार्ग के लिए निर्धारित सभी नियमों का पालन करने का अनुरोध किया। श्रावण सोमवार की यह पहली शोभायात्रा आस्था, परंपरा और सामाजिक सद्भाव का एक विशेष मिश्रण बन गई, जिसमें स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ दूर-दराज के क्षेत्रों से आए यात्रियों ने भी बड़ी आस्था के साथ भाग लिया।
ऐसी ही महाकाल की शोभायात्रा श्रावण मास के हर सोमवार को निकाली जाएगी, जिसमें भक्तजन भगवान के दर्शन और आशीर्वाद हेतु शामिल हो सकेंगे।