बिना तामझाम के बाजार पहुंचे CM Mohan Yadav, आम लोगों से की सीधी बातचीत
10 जुलाई की रात भोपाल के नागरिक उस वक्त हैरान रह गए जब प्रदेश के मुख्यमंत्री Mohan Yadav अचानक आम लोगों के बीच बाजार में दिखाई दिए। बिना किसी भारी सुरक्षा या प्रोटोकॉल के CM Mohan Yadav राजधानी के न्यू मार्केट पहुंचे और सीधे एक फल विक्रेता के ठेले पर जा पहुंचे। वहां उन्होंने न केवल फल खरीदे बल्कि विक्रेता से बातचीत भी की और तुरंत डिजिटल पेमेंट कर उदाहरण प्रस्तुत किया। इस पूरे घटनाक्रम में उनकी सहजता और सादगी ने लोगों का दिल जीत लिया।
ठेले से खरीदे फल, विक्रेताओं से जाना उनका हालचाल
CM Mohan Yadav ने बाजार में एक ठेले वाले से ताजे फल खरीदे। उन्होंने इस दौरान फल बेचने वाले से बातचीत की, उसके व्यवसाय के बारे में जानकारी ली और उसके हालचाल भी पूछे। इसके बाद उन्होंने मोबाइल से तुरंत डिजिटल पेमेंट कर यह संदेश दिया कि तकनीक का उपयोग सिर्फ सुविधा नहीं बल्कि पारदर्शिता और सम्मान का जरिया भी है।
लोगों को यकीन ही नहीं हुआ कि उनके सामने खड़ा व्यक्ति राज्य का मुखिया है। उनका ऐसा सरल व्यवहार आमजन के लिए प्रेरणादायक बन गया।

सिर्फ दो गाड़ियों के साथ पहुंचे बाजार, बिना दिखावे के लौटे निवास
CM Mohan Yadav सादगी के साथ सिर्फ दो सरकारी वाहनों के काफिले में बाजार पहुंचे थे। वे लगभग 15 मिनट तक वहां रुके, लोगों से संवाद किया और फल खरीदने के बाद वापस अपने निवास लौट गए।
इस पूरे दौरान उन्होंने न कोई भाषण दिया, न कोई प्रचार किया। उन्होंने केवल अपनी उपस्थिति से यह स्पष्ट कर दिया कि एक नेता जनता के बीच कितना सहज होकर रह सकता है। लोगों ने उनके इस व्यवहार की जमकर तारीफ की और सोशल मीडिया पर उनकी सराहना करते हुए वीडियो और तस्वीरें भी शेयर कीं।
ट्रैफिक नियमों का पालन कर दिया अनुशासन का संदेश
बाजार से लौटते समय CM Mohan Yadav ने एक और अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। जब उनकी गाड़ी ट्रैफिक सिग्नल पर पहुंची तो उन्होंने रेड लाइट पर गाड़ी रोक दी और नियमों का पालन किया।
उनका यह कदम दर्शाता है कि कानून का पालन केवल जनता का नहीं बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है – चाहे वह मुख्यमंत्री ही क्यों न हो। उन्होंने अपने आचरण से दिखा दिया कि नेतृत्व का सही अर्थ वही है जो व्यवहार में सामने आए।
CM Mohan Yadav की सादगी बनी चर्चा का विषय
भोपाल के बाजार में CM Mohan Yadav द्वारा फल खरीदना, विक्रेता से बात करना और ट्रैफिक नियमों का पालन करना — ये सब बातें अब जनता के बीच एक चर्चा का विषय बन चुकी हैं। लोग कह रहे हैं कि इस तरह का सीधा जुड़ाव ही जनता और शासन के बीच भरोसे की मजबूत दीवार बनाता है।
उनका यह व्यवहार ना सिर्फ उन्हें एक जननेता के रूप में प्रस्तुत करता है बल्कि यह भी दिखाता है कि जनता का प्रतिनिधि वह है जो उनके बीच आकर उनके सुख-दुख को समझे और नियमों का पालन कर समाज को उदाहरण दे।