भोपाल

भोपाल : RGPV में रैगिंग रोकने के लिए ऐतिहासिक कदम: नए छात्रों के लिए अलग हॉस्टल, मेरिट पर मिलेगा रूम

RGPV ने रैगिंग और हिंसा पर कसा शिकंजा, जूनियर छात्रों को मिलेगा सुरक्षित माहौल


RGPV (राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय) ने कैंपस में बढ़ती रैगिंग और सीनियर्स-जूनियर्स के बीच टकराव की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए इस शैक्षणिक सत्र में एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। इस बार नए छात्रों को पुराने छात्रों से पूरी तरह अलग हॉस्टल में रखा जाएगा, जिससे उन्हें पढ़ाई के लिए बेहतर और सुरक्षित वातावरण मिल सके। यह निर्णय विशेष रूप से उन छात्रों के लिए वरदान साबित होगा, जो पहली बार अपने घर से बाहर निकलकर हॉस्टल में रह रहे हैं और मानसिक रूप से खुद को सुरक्षित महसूस करना चाहते हैं।
RGPV के इस कदम को छात्र संगठनों और अभिभावकों का भी समर्थन मिल रहा है, जो लंबे समय से एक मजबूत एंटी-रैगिंग पॉलिसी की मांग कर रहे थे।

मेरिट के आधार पर होगा हॉस्टल आवंटन, बाहरी दबाव और सिफारिशों पर पूरी तरह रोक


इस बार RGPV ने हॉस्टल आवंटन की प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने का फैसला लिया है। अब किसी भी छात्र को छात्र संगठन, राजनीति या किसी अन्य बाहरी प्रभाव के आधार पर हॉस्टल नहीं मिलेगा। हॉस्टल आवंटन केवल मेरिट और मध्यप्रदेश शासन की आरक्षण नीति के तहत किया जाएगा।
पिछले वर्षों में कई बार आरोप लगे थे कि छात्र संगठनों के प्रभाव से हॉस्टल रूम बांटे जाते थे, जिससे योग्य छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। RGPV प्रशासन ने साफ कर दिया है कि सिर्फ उन्हीं छात्रों को हॉस्टल मिलेगा, जो अध्ययनरत और पात्र होंगे। इसके लिए आवंटन को भी प्रोविजनल (अस्थायी) रखा गया है ताकि कोई अनियमितता न हो।

पुराने हॉस्टल आवंटन को किया गया निरस्त, नए सिरे से शुरू हुई रूम अलॉटमेंट प्रक्रिया


RGPV प्रशासन ने इस बार बड़ा और साहसिक कदम उठाते हुए पुराने सभी हॉस्टल आवंटन को पूरी तरह से निरस्त कर दिया है। अब नए सिरे से रूम अलॉटमेंट प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसमें दिसंबर 2024 की परीक्षाओं के आधार पर मेरिट तय की गई है।
द्वितीय, तृतीय और अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए कुल 690 सीटें लड़कों के हॉस्टल में और 510 सीटें लड़कियों के हॉस्टल में निर्धारित की गई हैं। कुल मिलाकर करीब 1200 आवेदन प्राप्त हुए हैं और सभी आवंटन पूरी तरह नियमों और मेरिट पर आधारित होंगे। यह निर्णय RGPV में अनुशासन और एकेडमिक गुणवत्ता को बनाए रखने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
इस व्यवस्था से छात्र भी संतुष्ट हैं क्योंकि अब योग्य छात्रों को ही हॉस्टल सुविधा मिलेगी।

नए छात्रों के लिए अलग छात्रावास तय, सुरक्षा और सुविधा दोनों का रखा गया ध्यान


RGPV परिसर में पांच प्रमुख हॉस्टलों में लगभग 1460 छात्रों के लिए आवास की सुविधा है, जबकि विश्वविद्यालय में कुल 4500 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। ऐसे में RGPV प्रबंधन ने स्मार्ट रणनीति अपनाते हुए नवप्रवेशित छात्रों को अलग छात्रावासों में रखने का निर्णय लिया है।
लड़कों के लिए चंद्रशेखर आज़ाद और भास्कराचार्य छात्रावास में 270 और 135 रूम आवंटित किए गए हैं। वहीं, लड़कियों के लिए रानी अहिल्याबाई छात्रावास में करीब 450 छात्राओं को जगह दी गई है।
वहीं सीनियर छात्रों के लिए एपीजे अब्दुल कलाम और रानी लक्ष्मीबाई हॉस्टल निर्धारित किए गए हैं। इस फैसले के पीछे सबसे बड़ा उद्देश्य रैगिंग की घटनाओं को जड़ से खत्म करना है और एक अनुशासित, सुरक्षित शैक्षणिक वातावरण तैयार करना है।
RGPV के यूआईटी डायरेक्टर प्रो. एस.एस. भदौरिया ने बताया कि 1200 से अधिक आवेदनों की स्क्रूटनी के बाद रूम अलॉटमेंट पूरी तरह मेरिट बेस्ड किया जा रहा है।

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