ग्वालियर में मकान ढहने से दो बच्चों की दर्दनाक मौत, कई जिलों में राहत और बचाव कार्य जारी
ग्वालियर | मध्य प्रदेश में लगातार हो रही तेज़ बारिश ने कई जिलों में भारी जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर दी है। हालात को देखते हुए सेना और राहत दलों की मदद से अब तक 2,900 से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है।
गुना, शिवपुरी, मुरैना और रायसेन जैसे जिले सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं, जहाँ नदियाँ उफान पर हैं और कई सड़कें व पुल क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। कुछ क्षेत्रों में लोग पानी में फँस गए थे, जिन्हें नावों की मदद से निकाला गया। बचाव कार्यों में बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को प्राथमिकता दी गई। प्रशासन राहत सामग्री और अस्थायी आश्रय स्थल उपलब्ध कराने में जुटा है।
ग्वालियर में एक दर्दनाक हादसा हुआ जब बारिश के दौरान एक पुराना मकान ढह गया। हादसे में दो चचेरे भाई-बहन की मौत हो गई। बताया गया कि वे बारिश से बचने के लिए बालकनी में खड़े थे, तभी मकान का हिस्सा गिर पड़ा। बचाव दल तुरंत मौके पर पहुँचा, फिर भी दोनों की जान नहीं बच पाई। प्रशासन ने परिजनों को सांत्वना दी है और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
मोहन यादव ने कंट्रोल रूम से बाढ़ के हालात पर निगरानी रखी और सभी जिलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। मौसम विभाग के अनुसार, कुछ क्षेत्रों में बारिश की तीव्रता घट सकती है, लेकिन ज़मीन पहले से गीली होने और नदियों में पानी बढ़ने के कारण बाढ़ का खतरा बना रहेगा।
प्रभावित इलाकों में स्कूलों और सामुदायिक भवनों को अस्थायी राहत शिविर में बदला गया है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीमें तैनात की गई हैं ताकि जलजनित बीमारियों की निगरानी की जा सके।
इस साल की मानसूनी बारिश ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि राज्य में पुराने और कमजोर ढाँचों को दुरुस्त करना और ऐसे इलाके जहां बाढ़ का खतरा ज्यादा है, वहां बेहतर शहरी विकास की योजना अनिवार्य है।